महिलाओं को आर्थिक तरक्की के साथ साथ आत्मरक्षा पर भी रखना होगा ध्यान : फुलबसन
देवभोग। गरीबी के बीच संघर्ष की कहानी बताते हुए भावुक हुईं पद्मश्री फुलबसन बाई ने बताया कैसे आर्थिक तंगी के चलते भूखे सोया परिवार,कहा आत्महत्या के लिए परिवार समेत रेल के पटरियों के पास खड़ी हुई पर मौत से बेहतर गरीबी से लड़ने की ठान ली।
महिला सशक्तिकरण एंव जागृति सम्मेलन के मुख्यातिथि बन कर पहूँची फूलबसन बाई जब महिलाओं से भरी सभा को सम्बोधित कर रही थी तो पूरा सभा खामोश होकर उन्हें सुनने लगा था। भाऊक होकर भी फूलबासन बाई महिलाओं को संघर्ष के लिए प्रेरित कर रही थी। गरीबी से लड़ना सीखा तो समाज ने भी सराहा,आज इस मुकाम तक पहूँचने में दृढसंकल्प व लड़ने का जज्बा सहायक बना। इन्होंने कहा कि महिलाओं को आर्थिक तरक्की के साथ साथ आत्मरक्षा पर भी ध्यान रखना होगा। बचपन मे महिला पुरुष के बीच भेदभाव लाने से परहेज करने पर ही समानता स्वस्फूर्त समाज में आएगी।
महिलाओं की आर्थिक तरक्की से ही देश का विकास सम्भव है। आयोजन में महिला शक्ति के रूप में मौजूद दुर्ग जिला पँचायत अध्यक्ष शालिनी यादव,स्मृति ठाकुर,रामकली यादव,धनमती यादव, सुनीता यादव,किरण यादव लोकेश्वरी नेताम,नुरमती मांझी,ममता मंजरी, प्रभाती यादव, ललिता यादव, तमोतीन यादव, एसपी पारूल माथुर के आलावा समाज के प्रदेश अध्यक्ष रमेश यदु, केनुराम यदु, रिखीराम यादव,यशवंत यादव,जयमल यादव,सुसील यादव समेत समाज के लिए विशेष योगदान देने वाले अन्य सभी को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
एसपी ने कहा कि महिला जब जवाबदारी का बीड़ा उठाया,वो जो सोंच लेती है उसे पूरा कर लेती है। माथुर बोलीं बचपन से ही महिला सशक्तिकरण की ओर ध्यान है, यही वजह है कि आज उनके दो बहनें भी अच्छे मुकाम पर है। ग्रामीण अंचल में एसपी प्रथा पर कटाक्ष किया बोले सरपँच महिला बन गई तो वो अपने अधिकार का उपयोग करने के बजाए उनके पति एसपी बन कर उनका काम करतें है। बोली मैं एसपी हूं पर क्या मेरे पति यंहा मेरा काम कर रहे, महिलाओं की अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना होगा। सभा के विशेष अतिथि कर रही पुलिस जवाबदेही प्रकरण की सदस्य रामकली यादव ने कहा महिलाएं अपने कर्तब्यों का पालन हमेशा किया है अब अधिकार लेने का समय आ गया है। बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाव से ही समाज का उत्थान सम्भव है। उत्पीड़न के मामले में हमेशा महिलाओं के साथ है।
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