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छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल: “यह ऑटो रिक्शा की सरकार सिर्फ तिरंगा लहराने में व्यस्त है” – रमनजोत गिल, एनआईआरएफ 2024 में राज्य के संस्थानों का खराब प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल: “यह ऑटो रिक्शा की सरकार सिर्फ तिरंगा लहराने में व्यस्त है” – रमनजोत गिल, एनआईआरएफ 2024 में राज्य के संस्थानों का खराब प्रदर्शन

रायपुर। केंद्र सरकार द्वारा जारी ‘नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क, 2024’ (एनआईआरएफ 2024) में छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। राज्य के 32 विश्वविद्यालयों ने इस रैंकिंग में भाग लिया, लेकिन पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय सहित एक भी सरकारी विश्वविद्यालय टॉप 200 में स्थान नहीं बना सका। केवल कलिंगा विश्वविद्यालय ही 101 से 150 के रैंक बैंड में जगह बना सका ।

हालांकि, राज्य के दो प्रमुख संस्थानों ने कुछ उम्मीद की किरण दिखाई है। आईआईटी भिलाई ने 73वां स्थान प्राप्त किया है, जबकि एनआईटी रायपुर 71वें स्थान पर शामिल हुआ है। आईआईटी भिलाई, जो एक नया संस्थान है, ने पिछले साल की तुलना में इस साल 8 पायदान ऊपर चढ़कर 81वें स्थान से 73वें स्थान पर अपनी जगह बनाई है।

इस निराशाजनक प्रदर्शन पर एनएसयूआई के जिला महासचिव रमनजोत गिल ने राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब से बृजमोहन अग्रवाल ने शिक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दिया है, तब से अब तक राज्य में कोई नया शिक्षा मंत्री घोषित नहीं किया गया है। उन्होंने सरकार पर शिक्षा के मुद्दों पर ध्यान न देने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार केवल तिरंगा लहराने में व्यस्त है, जबकि राज्य की शिक्षा व्यवस्था लगातार गिरती जा रही है।

गिल ने यह भी कहा कि छात्राओं को पढ़ाई के नाम पर ठगा जा रहा है और उन्हें गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने एनआईआरएफ 2024 रैंकिंग का हवाला देते हुए कहा कि इस बार भी टॉप 300 कॉलेजों में छत्तीसगढ़ से एक भी संस्थान शामिल नहीं हो सका है, जो राज्य की शिक्षा व्यवस्था की कमजोरी को दर्शाता है।

एनआईआरएफ रैंकिंग का उद्देश्य उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है, ताकि छात्रों को बेहतर संस्थान चुनने में मदद मिल सके। हालांकि, राज्य के प्रमुख संस्थान इस रैंकिंग में अपनी जगह नहीं बना सके, जिससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था की गंभीर स्थिति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एनएसयूआई ने सरकार से इस स्थिति को सुधारने के लिए तुरंत कदम उठाने की मांग की है।