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CG liquor scam : डुप्लीकेट होलोग्राम भेजने वाला प्रिज्म कंपनी का अकाउंटेंट नोएडा से गिरफ्तार

CG liquor scam : डुप्लीकेट होलोग्राम भेजने वाला प्रिज्म कंपनी का अकाउंटेंट नोएडा से गिरफ्तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (एसीबी) ने नोएडा से रायपुर डुप्लीकेट होलोग्राम भेजने वाले सुनील दत्त को गिरफ्तार किया है। आरोपी प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत है। शनिवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 28 तारीख तक रिमांड पर लिया गया है।

एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार, यह पता चला है कि वर्ष 2019 से 2022 के बीच प्रिज्म कंपनी ने नोएडा स्थित अपने मुख्यालय में डुप्लीकेट होलोग्राम का रिकॉर्ड रखा था। इन डुप्लीकेट होलोग्राम को, जिन्हें गलत तरीके से असली होलोग्राम के साथ जोड़कर बनाया गया था, नोएडा से रायपुर तक पहुंचाया गया।

दस्तावेजों पर सुनील दत्त के हस्ताक्षर भी थे शामिल 

पहले जब्त किए गए परिवहन में चालान शामिल थे, जिनमें डुप्लिकेट होलोग्राम की संख्या और अन्य प्रासंगिक विवरण शामिल थे। इन दस्तावेजों पर सुनील दत्त के भी हस्ताक्षर थे। सिंडिकेट के मुख्य आरोपी, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी, प्रिज्म होलोग्राफी के मालिक विधु गुप्ता द्वारा छत्तीसगढ़ में स्थित डिस्टिलरी को नकली होलोग्राम मुहैया कराने में शामिल थे।

चार महीने पहले दिलीप पांडे को किया था गिरफ्तार 

चार महीने पहले डुप्लीकेट होलोग्राम सप्लाई करने वाले प्रिज्म होलोग्राफी के स्टेट हेड दिलीप पांडे को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में पता चला था कि नवा रायपुर स्थित जीएसटी बिल्डिंग ऑफिस के बेसमेंट में होलोग्राम प्रिंटिंग का काम होता था।

जांच के बाद आरोपी सुनील दत्त का नाम सामने आया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा, धनेली में अनवर ढेबर के खेत में जेसीबी से खुदाई की गई। इस दौरान, काफी मात्रा में नकली होलोग्राम रोल जब्त किए गए, जो सभी आंशिक रूप से जली हुई अवस्था में थे। जांच शुरू होने के बाद पता चला कि सबूत छिपाने के लिए इन वस्तुओं को आग लगाकर जमीन में गाड़ दिया गया था।

अदालत ने नार्को टेस्ट की अर्जी कर दी खारिज

कोयला घोटाला मामले में सूर्यकांत तिवारी समेत चार आरोपियों के नार्को टेस्ट की अर्जी एसीबी की विशेष अदालत ने बीते शनिवार को खारिज कर दी। ईओडब्ल्यू ने अदालत में याचिका पेश कर कहा था कि सूर्यकांत और घोटाले में शामिल अन्य आरोपी सच छिपा रहे हैं।

सच्चाई का पता लगाने के लिए आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इससे पहले आरोपियों ने नार्को टेस्ट कराने से इनकार करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कोर्ट से सूर्यकांत के भाई रजनीकांत तिवारी, उसके सहयोगी निखिल चंद्राकर और कस्टम मिलिंग (चावल) घोटाले में फंसे रोशन चंद्राकर का नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी।

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