चेट्रीचंड महोत्सव समिति सिंधी समाज रायपुर 30 मार्च को निकलेगी हिद सिंध के राजा भगवान झूलेलाल साई की शोभायात्रा

चेट्रीचंड महोत्सव की तैयारी जोरो पर

चेट्रीचंद्र महोत्सव समिति सिंधी समाज रायपुर के तत्वाधान में 30 मार्च दिन रविवार को भगा महादेव भोले बाबा व आदिशक्ति हिंगलाज माता व भगवान प्रभु श्रीराम के आर्शिवाद से व शदाणी दरबान संत युधिष्ठीर लाल व गोदड़ीवाला याम के महंत अम्मा मीरादेवी व भाई मनोहर लाल, निरंकारी भवन संत गुरूबक्श सिंह कालरा व आये हुये संत महात्माओं व गणमान्य नागरिकों के सानिध्य में शाम 4:30 भव्य शोभायात्रा लाखेनगर मैदान से निकलेगी। पुरे शहर में भगवान झूलेलाल की पुजा अर्चना, पंजड़ा ग भगवान झुलेलाल का दुग्धाभिषेक किया जायेगा व पूरे सिंधी समाज द्वारा आनंद हषोल्लास के साथ भगा झुलेलाल का अवतरण दिवस मनाया जायेगा। जगह जगह आतिशबाजी, भंडारा प्रसाद वितरण किया जाये

गोदड़ीवाला धाम के सेवादारी पवन प्रीतवानी, भारतीय सिंधु सभा छ.ग. के महासचिव सतीश छुम चेट्रीचंद्र महोत्सव समिति के सेवादारी महेश पृथवानी व अप्पा जी सेवा समिति के सेवादारी विजय बल् प्रसाव रूपरेला ने संयुक्त रूप से बताया कि भगवान झुलेलाल जी का जन्म चैत्र शुक्ल 2 सवंत 1007 हुआ, बात सिंध प्रांत की है, 11वीं सदी में वहां मिरक शाह नाम का शासक हुआ करता था। वह ज को शाररिक यातनायें व प्रताड़ित करता था व धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करता था। सभी सिंधियों ने नदी के तट पर इस मुश्किल से निकालने के लिए प्रार्थना की तब वरूण देव भगवान ने उदेरोलाल झुले के रूप में मछली पर सवार होकर लोगों को दर्शन दिया व बाद में मिरक शाह को दंडित कर हिन्दु धर्मी रक्षा की। इसलिए चेट्रीचंडू पर्व मनाया जाता है। हिन्द व सिंथ में जितने महान संत हुए जैसे संत शद साहेब, गोदड़ीवाले संतबाबा हरदासराम साहेब, ब्रम्हस्वरूप संत बाबा गेलाराम साहेब, संत कंवरराम सा संत वसणघोट, संत सतरामदास साहेब, संत जुगतराम साहेब, संत आसूदाराम साहेब, संत दिवानकरम साहेव, संतबाबा गरीबदास साहेब, जय समाधि वाले संत, संत प्रेमप्रकाश साहेब, संत गुरूमुख दास साहेब अन्य सभी संतो ने वरूण देव भगवान झुलेलाल को सर्वोपरी माना व संदेश दिया कि प्रत्येक सिंधीयों भगवान झूलेलाल की उपासना व पूजा अर्जना जरूर करनी चाहिये। यह महोत्सव पुरा पखवाड़ा भर चल् छत्तीसगढ़ सिंधी समाज यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा कराये गये उत्तराखंड में केदारनाथ वाराणसी में विश्वनाथ कारीडोर, उज्जैन में महाकाल कारीडोर, 400 साल पुराना मामला अयोध्या प्रभु श्री रामलला मंदिर निर्माण को पुरा सिंधी समाज आन्नदीत एव हर्षोउल्लासित है।

इस आयोजन को सफल बनाने में श्रीचंद सुंदरानी, आनंद कुकरेजा, मुखी मन्नुमल, डॉ. भीमना बजाज, पवन प्रीतवानी, अमर गिदवानी, दीपक कृपलानी, महेश पृथवानी, बलराम मंधानी, विजय रूपने श्याम रूपरेला, जय केशवानी, दिनेश अठवानी, लालचंद गोलवानी, इंदर डोडवानी, दीपक डोडवानी, जुमनानी अनेक सेवादार लगे हुए है।

संपादक महोदय से निवेदन है कि चेट्रीचंड महोत्सव संबंधित विज्ञप्ति को आपके लोकप्रिय व बहु समाचार पत्र में आवश्यक स्थान दें।