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नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लाख रुपए की ठगी

नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लाख रुपए की ठगी

 दुर्ग  : दुर्ग पुलिस ने नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लाख रुपए की ठगी करने के आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने एक व्यवसायी से उसकी बेटी को नायब तहसीलदार बनाने और बेटे को एम्स रायपुर में नौकरी लगाने का लालच दिया था। इसके एवज में उसने 15 लाख रुपए ले लिए। जब नौकरी नहीं लगवा पाया तो व्यवसायी ने मामले की शिकायत स्मृति नगर पुलिस चौकी में दर्ज कराई है।

स्मृति नगर पुलिस चौकी प्रभारी युवराज देशमुख ने बताया कि स्मृतिन नगर निवासी श्रेयांश यादव (38) और दुर्ग मोहन नगर थाना अंतर्गत हरिनगर निवासी अभिजीत सिंह (24) के खिलाफ ठगी की शिकायत दर्ज हुई है। हुडको भिलाई निवासी निमाई देवनाथ (60) ने शिकायत में बताया कि श्रेयांश और अभिजीत ने उससे उसकी बेटी संगीता को नायब तहसीलदार के पद पर और बेटे गौरव को एम्स अस्पताल मे कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर नौकरी लगाने का दावा किया था।

इसके एवज में उन्होंने उससे 15 लाख रुपये लिए थे। इसके बाद नौकरी नहीं लगी तो उसने अपने रुपए वापस करने की मांग की। इस पर आरोपी इधर उधर घुमाने लगे। जब दबाव अधिक पड़ा तो उन्होंने 10 लाख रुपए वापस किया और 5 रुपए का चेक दिया जो कि बाउंस हो गया। पुलिस ने श्रेयांश यादव और अभिजीत सिंह के खिलाफ 420,506,34 के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने अभिजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं श्रेयांस यादव की तलाश की जा रही है।

परिचित के जरिए हुई थी ठगों से मुलाकात
निमाई देवनाथ वर्तमान में एमआईजी 01/523 हुडको भिलाई में रहते हैं। वह किराना दुकान चलाते हैं। उनका कांकेर जिले के पखांजूर में पुश्तैनी घर है। निमाई के 2 बेटा व दो बेटी सहित चार संतान हैं। साल 2021 में हरीनगर कातुलबोर्ड दुर्ग निवासी परिचित अभिषेक चक्रवर्ती ने बताया कि उसके पड़ोस में रहने वाला अभिजीत सिंह सरकारी नौकरी लगवाता है। उसी ने उसे अभिजीत सिंह से मिलवाया।

अभिजीत ने अपने सहयोगी स्मृतिन नगर निवासी श्रेयांश यादव से मिलवाया। उन्होंने निमाई से दावा किया कि वे उसके एक बेटे और एक बेटी की नौकरी लगवा देंगे। निमाई ने उन्हें बेटी को नायब तहसीलदार एवं बेटे को एम्स में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर लगवाने के लिए 15 लाख दे दिया।

एफडी व गहने बेचकर जुटाई थी इतनी बड़ी रकम
निमाई ने बताया कि पन्द्रह लाख जैसी बडी रकम उसेक पास नही थी। बेटी और बेटे के भविष्य के लिए उसने एफडी तुड़वाकर और गहने बेंचकर रकम जुटाई। उसने अपनी पोस्ट आफिस की पहली एफडी 1.70 लाख, दूसरी एफडी 1.23 लाख, सेविंग एकाउंट में जमा 4 लाख, पत्नी के सोने के गहने बेचकर 1 लाख 60 हजार, पखान्जूर में खेत बेचकर 8.47 लाख सहित कुल 15 लाख रुपए का इंतजाम किया और अभिजीत व श्रेयांश को दिया था।

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