पद्मश्री पुरुस्कार से सम्मानित जानकीलाल भांड को हरीशेवा उदासीन आश्रम में किया सम्मानित
आज दिनांक 31/1/2024 बुधवार को हरीशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन द्वारा शॉल एवं रुद्राक्ष की माला पहनाकर सम्मानित किया गया । लंदन, जर्मनी, रूस और न्यूयार्क जैसे कई देशों में बहरूपिया (भांड) कला का लोहा मनवाने वाले 83 वर्षीय जानकी लाल जी मंकी मैन के नाम से प्रसिद्ध हैं । जानकी लाल अपने स्वांग से प्रदेश ही नहीं अपितु देश भर में खासी लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं।
स्वामी जी ने बताया कि ये भीलवाड़ा नगरी के लिए बहुत ही गर्व की बात है जो जानकी लाल जी को भारत के सर्वोत्तम पुरस्कार से नवाजा जा रहा है । स्वामी जी ने जानकी लाल जी को शुभकामनाएँ देते हुए स्वस्थ जीवन की मंगलकामना की ।
राजा महाराजाओं और सियासत काल में मनोरंजन करने के लिए बहरूपिया कला को एक विशेष मान्यता प्राप्त थी. उस समय कई परिवार बहरूपिया बनकर मनोरंजन करते थे. इसमें कलाकार कई स्वांग रच कर अलग अलग तरीके से हर बार नया करने की कोशिश करते थे. इसके बाद राजा महाराजा खुश होकर कलाकारों पर इनाम की बारिश करते थे ।
जानकी लाल जी ने महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी का इस सम्मान के लिए धन्यवाद किया एवं बताया कि राजस्थान संगीत कला केंद्र भीलवाड़ा राजस्थान दिवस और विश्व रंगमंच दिवस पर जानकी लाल भांड को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड दे चुका है. उदयपुर लोक कला मंडल, मुंबई, जोधपुर और विदेशों में उन्हें कई खिताब मिले हैं । वर्ष 1986 में वो लंदन, न्यूयॉर्क और वर्ष 1988 में जर्मन, रोम, बर्मिंघम और फिर लंदन गए थे. न्यूयॉर्क, दुबई, मेलबोर्न में भी उनकी कला को खास दाद मिली. वहां उन्हें लोग मंकी मैन के नाम से जानने लगे।
इस अवसर पर आश्रम के संत मायाराम , संत गोविंदराम , ब्रह्मचारी मिहिर , इंद्रदेव , कुणाल , सिद्धार्थ , सचिव हेमंत वच्छानी , ट्रस्टी हीरालाल गुरनानी , गोपाल नानकानी , पुरशोत्तम परियानी , राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चाँदमल सोमानी , भारतीय सिंधु सभा कार्यकारिणी सदस्य वीरूमल पुरसानी , परमानंद गुरनानी , किशोर कृपलानी , ईश्वर कोडवाणी , बलराम सिंधी ,रायपुर छत्तीसगढ़ से देवानंद शर्मा , डिम्पल शर्मा , दुर्गालाल बारेट , लादूलाल भांड , दिलीप सोनी , राजकुमार भांड , प्रशांत आदि उपस्थित थे ।
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