राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के ‘गुजरात के नमक’ वाले बयान पर ‘विवादित ट्वीट’ महिला आयोग भेजेगा नोटिस
कांग्रेस नेता उदित राज ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के ‘गुजरात के नमक’ वाले बयान पर ‘विवादित ट्वीट’ किया, जिस पर बवाल मच गया है। बीजेपी ने उनके बयान को आड़े हाथों लिया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी निर्णय किया है कि कांग्रेस नेता उदित राज को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबंध में उनके बयान पर नोटिस भेजेगा। जानिए क्या है पूरा मामला?
राष्ट्रपति के ‘नमक’ वाले बयान पर किया था उदित राज ने ट्वीट
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के ‘नमक’ वाले बयान पर कांग्रेस नेता उदित राज के ट्वीट से बवाल मच गया है। बीजेपी ने उदित राज की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और उन पर व कांग्रेस पर निशाना साधा। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है जब उदित राज ने ऐसे शब्दों का उपयोग किया हो। यह उनकी आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
दरअसल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हाल ही में दो दिन के गुजरात दौरे पर गई थीं। इस दौरान उन्होंने साबरमती आश्रम पहुंचकर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि दी थी। इसके बाद उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि गुजरात में देश का 76 फीसदी नमक बनाया जाता है। यह कहा जा सकता है कि सभी देशवासी गुजरात का नमक खाते हैं।
ये विवादित ट्वीट किया था उदित राज ने
कांग्रेस नेता उदित राज ने ट्वीट कर कहा था कि द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद है। कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं। खुद नमक खाकर जिंदगी जिएं तो पता लगेगा। इसके बाद उदित राज ने एक और ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि मेरा बयान द्रोपदी मुर्मू जी के लिए निजी है, कांग्रेस पार्टी का नहीं है। द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया और आदिवासी के नाम से वोट मांगा। राष्ट्रपति बनने से क्या वे आदिवासी नहीं रहीं? देश की राष्ट्रपति हैं तो आदिवासी की प्रतिनिधि भी। रोना आता है जब एससी/एसटी के नाम से पद पर जाते हैं फिर चुप हो जाते हैं।
भड़की बीजेपी, संबित पात्रा ने साधा निशाना
संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता उदित राज द्वारा राष्ट्रपति मुर्मू के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द चिंताजनक, दुर्भाग्यपूर्ण हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है। इससे पहले कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने भी ऐसा ही किया था। यह उनकी आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उधर, यूपी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि उदित राज जैसे नेताओं को क्षुद्र राजनीति से ऊपर उठकर भारत के राष्ट्रपति के पद के प्रति कुछ सम्मान दिखाने की जरूरत है।
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